
"तुमसे बात हुई हैं"
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तुमसे बात हुई है,तुमसे बात हुई हैं,एक ऊब सी हो रही है पिछले दिनों से,रोज पलो को दिन मेंऔर दिन को महीने की तरह काटते- काटते,एक अजब सी उधेड़बुन में जी रहा हूँपिछले दिनों से,अनेक उलझने, अनेक ख्यालात तब्दील हो रही हो जैसे किसी मायूसी में,मगर,आज अचानक,जैसे सारी उधेड़बुने मचल करबन गयी हो मुस्कुराहट,जैसे सारे ख्यालो को मिल गएहो पँख,क्योंकि,आज तुमसे बात हुई है,आज तुमसे बात हई है,कुछ यूं झूम उठा है बावरा मन,जैसे सावन की बदरा में झूम रहा हैकोई मोर,जैसे पखवाड़े की अँधेरी रात के बादअचानक दिख गया हो चाँद,जैसे दीवाली पर मिल गयी होकोटा वाली ट्रेन में सीट,जैसे exam में भर गयी ही physicsकी answer सीट,जैसे कंटीले पथ के बाद मिल गयाहो चमेली का फूल,क्योंकि,आज तुमसे बात हुई है,आज तुमसे बात हुई है.............✍️✍️✍️भरत देवासी©bharatdewasi